मुंह की बात सुने हर कोई दिल का दर्द जाने कौन 
आवाज़ों के बाज़ारों में ख़ामोशी पहचाने कौन 
सदियों-सदियों वही तमाशा, रस्‍ता-रस्‍ता लंबी खोज 
लेकिन जब हम मिल जाते हैं खो जाता है जाने कौन।। 
वो मेरा आईना है, मैं उसकी परछाईं हूं 
मेरे ही घर में रहता है, मुझ जैसा ही जाने कौन।। 
किरन-किरन अलसाता सूरज, पलक-पलक खुलती नींदें 
धीमे-धीमे बिखर रहा है, ज़र्रा-ज़र्रा जाने कौन।।