Posted by Akhilesh jha in on 10:59
हर घड़ी ढल रही शाम है जिंदगी
दर्द का दूसरा नाम है जिंदगी
आसमां है वहीं और वही है ज़मीं
है मकां ग़ैर का...ग़ैर है या हमीं
अजनबी आंख सी आज है जिंदगी
दर्द का दूसरा नाम है जिंदगी।।
क्यों खड़े रहा में, राह भी सो गई
अपनी तो छांह भी, अपने से खो गई
भटके हुए पंछी की रात है जिंदगी
दर्द का दूसरा नाम है जिंदगी।।
दर्द का दूसरा नाम है जिंदगी
आसमां है वहीं और वही है ज़मीं
है मकां ग़ैर का...ग़ैर है या हमीं
अजनबी आंख सी आज है जिंदगी
दर्द का दूसरा नाम है जिंदगी।।
क्यों खड़े रहा में, राह भी सो गई
अपनी तो छांह भी, अपने से खो गई
भटके हुए पंछी की रात है जिंदगी
दर्द का दूसरा नाम है जिंदगी।।
About Me
Blog Archive
-
▼
2014
(22)
-
▼
July
(22)
- मरते समय एक विचारशील व्यक्ति ने अपने जीवन के व्यर...
- मैखाने मे आऊंगा मगर...पिऊंगा नही साकी...ये शराब म...
- तुझे सूरज कहूं या चंदा तुझे दीप कहूं या तारामेरा ...
- सात समंदर पार से गुडियों के बाज़ार से अच्छी सी ग...
- यूं तेरी रहगुज़र से दीवानावार गुज़रे कांधे पे अपन...
- ओ हंसिनी मेरी हंसिनी कहां उड़ चली, मेरे अरमानों क...
- तुम्हें याद होगा कभी हम मिले थे मुहब्बत की...
- लो अपना जहां दुनिया वालो हम इस दुनिया को छोड़ चले...
- ये रातें ये मौसम ये हंसना हंसाना मुझे भूल जाना इन...
- सांझ ढले गगन तले हम कितने एकाकी छोड़ चले नयनों को...
- हर घड़ी ढल रही शाम है जिंदगी दर्द का दूसरा नाम है...
- 'यार किशन ये हद्द हो गयी यारों की तो भद्द हो गय...
- ना कटूंगी, ना जलूंगी, ना मिटूंगी, ना मरूंगी मैं थ...
- कहता है कौन मेरी तबियत उदास है समझेगा कौन उसकी जु...
- मुंह की बात सुने हर कोई दिल का दर्द जाने कौन आव...
- मैं रोया परदसे में भीगा मां का प्यार दुख ने ...
- बेनाम-सा ये दर्द ठहर क्यों नहीं जाता जो बीत गया ...
- खुले गगन पे झुक गयी, किसी की सुरमई पलक किसी की लट...
- तेरे ख़ुश्बू में बसे ख़त मैं जलाता कैसे प्यार...
- जब मैं तुमसे प्यार करता हूँ हर साँस पे जीता हूँ ह...
- काश ये रात न आए, दिन निकले, सुबह हो जाए.... ...
-
▼
July
(22)