मैं रोया परदसे में भीगा मां का प्‍यार 

दुख ने दुख से बात की बिन चिट्ठी बिन तार।। 

सीता-रावण-राम का करें विभाजन लोग 
एक ही तन में देखिए तीनों का संजोग 

बच्‍चा बोला देखकर मस्जिद आलीशान 
अल्‍लाह तेरे एक को इतना बड़ा मकान। 

सीधा-सादा डाकिया जादू करे महान 
एक ही थैले में भरे आंसू और मुस्‍कान 

सबकी पूजा एक-सी, अलग-अलग हर रीत 
मस्जिद जाये मौलवी, कोयल गाये गीत।।