'यार किशन ये हद्द हो गयी 
यारों की तो भद्द हो गयी 
सिर्फ़ अहसान ही बाक़ी रह गये 
दोस्‍ती यारी रद्द हो गयी 
प्‍यार में दुनियादारी कैसी 
मुफ्त की चीज़ नगद हो गयी है 
छी छी यार की ये पहचान 
दोस्‍ती में कैसा अहसान 
जब दोस्‍ती होती है तो.........' 


अहसान नहीं होता.. 
जब दोस्ती होती है तो दोस्ती होती है 
और दोस्‍तों में कोई अहसान नहीं होता। 

जल बिन तड़पत मछली जैसे नल बिन तरपत पानी 
और हाथ पानी बिना चलते....अस्‍नान नहीं होता।। 

ये पांचों की पंचायत, जो सोचे सही होगा 
हम पांडव हैं भारत के, जो कह दें वही होगा 
ओए जम के एक जमा दूं....दूध का दही होगा 
मीरा के प्रभु कहत कबीरा, जीवन काज कदम कश्‍तीरा 
खात कष्‍ट बिना ये जीवन, आसान नहीं होता।। 
जब दोस्‍ती होती है तो.... 

उंगली से ढीली का जब तक 
जोड़ सलामत ..थाह सलामत 
छोटी और बड़ी हैं तो क्‍या 

पांचों है तो हाथ सलामत 
एक एक के हैं पांच मुक़द्दर 
तकलीफ़ों से घबराना मत 
सांझे जोड़ जवानी बचपन 
पांच से पांच मिले तो पचपन 
पांचों साथ आए तो.... 
नुकसान नहीं होता.... 
जब दोस्‍ती होती है तो दोस्‍ती है 
और दोस्‍तों में कोई अहसान नहीं होता।।